जो महिलाये Pregnancy Planning कर रही होती है तो उनके मन में गर्भावस्था के तीसरे सप्ताह (3rd Week) के बारे जानने की उत्तेजना रहती है क्योकि यह Pregnancy का तीसरा हप्ता काफी महत्वपूर्ण होते है। तो आज में आपको गर्भावस्था के तीसरे सप्ताह (Week 3) के बारे पूरी जानकारी दे रही हु।
गर्भावस्था (Pregnancy) का तीसरा सप्ताह (3rd Week) के बारे में जानकारी
जैसे की प्रेगनेंसी की गिनती हम आखिरी माहवारी के पहले दिन से करते हैं। तो Pregnancy के पहले 2 सप्ताह आपके Complete हो चुके हैं। तीसरे सप्ताह के शुरू में ही Egg बाहर निकल आता है और तीसरे सप्ताह के End में यह Uterus में यानी बच्चेदानी के अंदर की Layer में जुड़ जाता है।
गर्भावस्ता (Pregnancy) के तीसरे सप्ताह (Week 3) में हमारे शरीर में क्या बदलाव होते है?
दूसरे सप्ताह के एकदम आखिरी दिनों में या तीसरे सप्ताह के शुरू में ओवुलेशन (Ovulation) हो जाता है। ओवुलेशन के वक्त जब अंडा (Egg) बाहर आता है तब पेट में हल्का सा दर्द (Pain) होता है। कुछ महिलाओ को कभी-कभी Spotting भी होती है और योनि से जो स्त्राव निकलता है उसमें थोड़े से बदलाव आ जाते हैं वह थोड़ा ज्यादा हो जाता है।
जब ओवुलेशन के बाद अंडा बाहर निकल आता है तब अपनी गर्भ नलिका उसको अंदर खींच लेती है और यह अंडा (Egg) गर्भ नलिका (Fallopian Tube) में बैठ जाता है। अंडा (Egg) बाहर आने के बाद उसका फर्टिलिटी पोटेंशियल सिर्फ 12 से 18 घंटे तक ही रहता है।
तो इस दौरान इंटरकोर्स करने से Vagina या योनि में शुक्राणु (Sperm) गिर जाता है। इंटरकोर्स के बाद जब वीर्य बाहर आता है तो यह वीर्य में जो पहले दो बूंदे रहती है उसमें ज्यादा से ज्यादा शुक्राणु (Sperm) रहते हैं तो वह शुक्राणु 2 से 3 मिनट में ही गर्भ नालियों में आ जाते हैं।
इस दौरान लगभग सैकड़ों शुक्राणु 2 से 3 मिनट में एक ही साथ में रहते हैं लेकिन इनमें से एक ही शुक्राणु अंडे (Egg) के अंदर जा सकता है। एक शुक्राणु जब अंडे के अंदर प्रवेश करता है तब तुरंत ही अंडे (Egg) का Cover बंद हो जाता है और दूसरा कोई भी शुक्राणु (Sperm) अंडे के अंदर जा नहीं सकता है।

अंडे का और शुक्राणु का मिलन होने के बाद फर्टिलाइजेशन (Fertilization) हो जाता है और यह Fertilization गर्भ नलिका (Fallopian Tube) में होता है।
फर्टिलाइजेशन के बाद अपना भ्रूण तैयार होने वाला है उस दौरान उसके मांसपेशियों में बहुत जल्दी से बहुत सारा विभाजन होना शुरू हो जाता है।
तीसरे हफ्ते में ज्यादातर अपना भ्रूण गर्भ नलिका (Fallopian Tube) में ही रहता है Fertilization के पांचवें दिन तक यह ब्रून एकदम छोटा सा Ball जैसा हो जाता है उसको Blastocyst बोला जाता है।
तो ये Blastocyst fertilization के पांचवें दिन तक बच्चादानी में आ जाता है। बच्चेदानी के अंदर यह Blastocyst को Implant करने के लिए 1 Layer होता है यह Layer को हम एंडोमेट्रियम (Endometrium) बोलते हैं। तो यह Blastocyst एंडोमेट्रियम से जुड़ जाता है।
हमारे शरीर के प्रत्येक पेशी में 46 क्रोमोजोम्स (Chromosomes) रहते हैं यानि गुणसूत्र रहते हैं और 2 सेक्स (Sex) क्रोमोजोम रहते हैं।
हमारे शरीर के प्रत्येक पेशी में 46 क्रोमोजोम्स (Chromosomes) रहते हैं यानि गुणसूत्र रहते हैं और 2 सेक्स क्रोमोजोम रहते हैं।
हमारे प्रत्येक अंडे (Egg) में 23 क्रोमोजोम्स (Chromosomes) रहते हैं या गुणसूत्रों रहते हैं और एक सेक्स क्रोमोजोम रहता है जो की अंडे में X क्रोमोजोम रहता है। तो हर एक अंडा 23 क्रोमोजोम्स और एक X-Chromosome से बनता है।
लेकिन शुक्राणु यानि स्पर्म में Egg से थोड़ा अलग System होता है वैसे स्पर्म में भी 23 क्रोमोजोम रहते हैं और एक Sex क्रोमोजोम रहता है लेकिन स्पर्म में दो Type के सेक्स (Sex) क्रोमोजोम रहते हैं एक X रहता है या Y रहता है।
जब अंडे (Egg) का X क्रोमोजोम वाले स्पर्म से मिलन हो गया तो हमारी बिटिया पैदा होती है और जब अंडे का Y क्रोमोजोम वाले शुक्राणु के साथ मिलन हो गया तो हमें बेटा पैदा होता है।
तो बच्चे का Sex यानी लिंग यह तीसरे हफ्ते में ही Decide हो जाता है। तो यह तीसरे हप्ते में ही जब अंडे का और शुक्राणु का मिलन हो जाता है तभी तय होजाता है की बेबी का सेक्स क्या रहेगा, बच्चे के आंखों का Colour क्या रहने वाला है, बालों का Color कैसे रहने वाला है, बच्चा कैसे रहने वाला है, उसके फीचर्स कैसे रहने वाले हैं तो ये सब तीसरे सप्ताह में ही Decide हो जाता है।
तीसरे सप्ताह ( Week 3) में हमारे शिशु के साथ क्या बदलाव होते हैं?
फर्टिलाइजेशन के पांचवें दिन तक भ्रूण एक छोटेसे Ball जैसा होता है उसको मिलना बोला जाता है। तो यह Blastocyst बच्चेदानी के अंदर के Layer पे जुड़ जाने के बाद इसके बाहरी आवरण से Placenta बन जाता है या नाल बन जाती है।
प्लेसेंटा की मदत से बच्चे को Blood Flow मिलना शुरू हो जाता है। Blastocyst के अंदर मांस पेशिओ का एक छोटासा गड्ढ़ा रहता है जिसको Inner Cell Mass बोला जाता है।
ये Inner Cell Mass से ही बच्चे के सरे अवयव तयार होते है। जैसे की Brain तैयार होता है, Heart तैयार होता है, मांस पेशिया तैयार होजाती है। ये इनर सेल मास (Inner Cell Mass) के बाजूमे थोडा पाणी इखट्टा होता है और ये पाणी आगे जा के भ्रूण अवरण द्रव यानि Amniotic Fluid बन जाता है।
ये पानी बच्चे के लिए रक्षक रहता है और छोटे-छोटे झटको से बच्चे की सुरक्षा करता है।
तिसरे सप्ताह मे Baby का Size बहुत ही छोटा रहता है जैसे की Paper Pin के Head जितना छोटा बच्चे का Size रहता है।
और मिलिमीटर मे देखा जाये तो 0.04mm ही तिसरे सप्ताह मे Baby का Size रहता है।
तिसरे सप्ताह मे अपना और अपने Pregnancy का कैसे ख्याल रखे
- तिसरे सप्ताह में बच्चा माँ के साथ जुड़ जाता है तो इसका मतलब ये नही है की आपको Bed Rest करना है, आपको अपना Daily Routine अच्छी तरह से Continue रखना है।
- आपको आपके खान पान पे ध्यान देना है।
- आपको आपकी Pre Natal विटामिन्स लेनी है जसे की Vitamin B12 की मात्र, Folic Acid की मात्र, Vitamin D3 ये सब सही मात्रा में लेना चाहिये। क्योकि ये मात्रा सही रहने से बच्चे का Brain Development अच्छे से हो जाता है, गर्भपात की Risk कम हो जाती है।
- हमे हमारी कुछ बुरी आदते रही होंगी तो उनसे दूर रहना चाहिए क्योकि Baby अभी माँ से जुड़ने लगा है तो हम जो खाएंगे वही बच्चे को Transfer होता है। हम अगर Caffeine का सेवन करते है या Artificial Sweeteners ले रहे है तो वह सारा अभी से बच्चे के तरफ जाना शुरू हो जाता है।
- तिसरे सप्ताह मे आपको खुद को बहुत Relax रखना होता है। Stress के वजेसे या Tension के वजेसे शरीर मे Adrenaline Release होता है और ये Adrenaline से बच्चेदानी को हलके हलके Contraction होते है जिस से अपना Implantation की Process में यानि बच्चे को माँ से जुड़ जाने की Process में Problem हो सकता है और कभी कभी Implantation Failure भी हो सकता है।
तो इस Article में अपने जाना की प्रेगनेंसी के तीसरे सप्ताह में आपके शरीर में क्या बदलाव होते हैं, आपके Baby में क्या बदलाव होते है और इस दौरान आपको कौन सी चीजों का ख्याल रखना है।