वैसे तो माना जाता है कि बच्चे भगवान का दिया हुआ नायाब तोहफा होते हैं। हमें उन्हें उनके कुदरती रूप में ही स्वीकार करना चाहिए। इसलिए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह किस रंग रूप के हैं।
हर माँ चाहती है, कि उसका बच्चा सबसे सुंदर और दाग रहित हो, और यह है बात मां के प्यार को दर्शाती है। इसलिए वह अपने बच्चे के सुंदरता को बढ़ाने के लिए अलग-अलग नुस्खे को अपनाते है, परंतु विज्ञान के अनुसार, ज्यादातर बच्चों का रंग रूप उनके माता-पिता के जैसा ही होता है। शिशु का कुदरती रंग भी बदला नहीं जा सकता।
कभी-कभी माताएं अपने बच्चों के रंगों को लेकर इतने चिंतित हो जाती हैं, कि वह अलग-अलग प्रकार की क्रीमो का उपयोग करने लग जाती है। इन क्रीमो मैं काफी ज्यादा Chemical होते हैं। जो बच्चे की नाजुक और कोमल त्वचा के ऊपर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। जैसे शिशु की त्वचा पर इनकी वजह से Rashes भी हो सकते हैं और कभी-कभी दाग भी पड़ जाते हैं, जो फिर कभी नहीं मिटते।
इसलिए किसी भी प्रकार की क्रीम लगाने से पहले डॉक्टर से पूछना काफी ज्यादा आवश्यक है।
यदि आप शिशु का रंग और उभारना और कोई दाग हल्का करना चाहते हैं तो वह घरेलू उपचारो द्वारा करना संभव और सरल है।
शिशु की त्वचा कोमल होने के कारण उनके रंग को उभारना और कोई दाग़ हल्का करना काफी आसान हो जाता है।
यह 7 अचूक उपाय का उपयोग करके बच्चों का कलर साफ करें
1. हल्दी और दूध
कच्चे दूध और हल्दी को मिलाएं और शिशु को हल्के हाथों से लगाए, फिर उसको शिशु के ऊपर 5 मिनट के लिए छोड़ दें और उसके बाद एक सूती कपड़ा ले और धीरे-धीरे शिशु की त्वचा के ऊपर से उसे साफ कर ले।
दूध और हल्दी में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चों की त्वचा को जलयोजन रखते हैं और साथ ही साथ उसके रंग को साफ और निखारते हैं।
2. नारियल तेल
रोजाना नारियल तेल से मालिश करने पर शिशु के शरीर में लचीलापन और हड्डियां मजबूत हो जाती हैं।
मालिश के कारण शिशु में बहुत तेजी से रक्त परिसंचरण होता है, जिससे शिशु के रंग में निखार आता है।
रोजाना मालिश से शिशु के शरीर के दाग और धब्बे भी धीरे-धीरे हल्के और कम होना शुरू हो जाते हैं।
3. गुनगुना पानी से नहाना
यह बहुत महत्वपूर्ण है कि शिशु को सदैव उचित तापमान के पानी में ही स्नान करवाना चाहिए। शिशु की त्वचा काफी कोमल और नाजुक होने के कारण ज्यादा या कम तापमान के पानी से शिशु के शरीर पर सूखापन और रेशा आ सकता है।
उचित तापमान का पानी शिशु के शरीर को अच्छे से साफ और रंग को निखारने में काफी योगदान प्रदान करता है।
4. टमाटर और दही का मिश्रण
टमाटर के बीच के रस वाले हिस्से को दही में मिलाएं और फिर उसे बच्चे की त्वचा पर हल्के हाथों से धीरे-धीरे मालिश करें।
दही एक नमी प्रदायक की तरह काम करता है और टमाटर के बीच का हिस्सा बच्चे की त्वचा के ऊपर से धूल मिट्टी को गहराई से निकालता है।
5. विटामिन डी (Vitamin D)
शिशु के शरीर के लिए विटामिन डी काफी ज्यादा लाभदायक होता है। यदि शिशु को कुछ देर के लिए धूप में लाया जाए तो उसे संपूर्ण रुप से विटामिन डी की प्राप्ति होती है, और किसी भी प्रकार की बीमारी से वह उसे बचाती है। साथ ही साथ धूप शिशु के शरीर में एक ऊर्जा को लाती है और उसके रंग को भी निखारती है।
परंतु यदि शिशु को ज्यादा देर तक धूप दिखाई जाए और कड़ी धूप में लाया जाए तो वह उसके रंग को साबला भी कर देती है।
6. पानी
शिशु को रोजाना प्राप्त मात्रा में पानी पिलाने से उसके शरीर में कभी भी पानी की मात्रा कम नहीं होती और यह बच्चे को जलयोजन भी रखता है।
पर्याप्त मात्रा में पानी देने से बच्चे की त्वचा पर अलग ही चमक आने लग जाती है और वह शिशु को काफी तरोताजा भी रखता है।
7. गुलाब जल और कच्चा दूध
यह उपाय शिशु को स्नान करवाते समय किया जाता है। जब आप शिशु को नहलाने लगे तो उससे पहले गुलाब जल और कच्चे दूध को मिलाकर अपने पास ही रख लें, फिर बच्चे पर धीरे-धीरे गुनगुना पानी डालें और फिर गुलाब जल और दूध का मिश्रण उसके ऊपर हलके हाथों से लगाए।
इसके बाद शिशु के ऊपर गुनगुना पानी डालें, परंतु यह ध्यान रखें की आप बच्चों के लिए जिस साबुन का प्रयोग करती है वह कोमल हो।
यदि आप बच्चे को उसी साबुन से स्नान करवाएं जिससे आप नहाते हैं तो वह बच्चे के शरीर की त्वचा को काफी खुरदुरा और खराब कर सकता है।
यदि आपको यह नहीं पता कि बच्चों के लिए किस प्रकार का साबुन इस्तेमाल करना चाहिए तो आप अपने आसपास के किसी डॉक्टर से भी पूछ सकती हैं।
कोई भी घरेलू उपचार करते समय किन बातों का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है?
शिशु की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है, जिसकी वजह से कोई भी चीज उसके शरीर पर बहुत ज्यादा जल्दी असर दिखाना शुरू कर देती है। इसलिए घरेलू उपचार करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना काफी ज्यादा आवश्यक होता है,
- घरेलू उपचार के समय चुने गए पदार्थों की मात्रा बिल्कुल उचित होनी बहुत ज्यादा आवश्यक होती है।
- घरेलू उपचार की समय अवधि का ध्यान रखना भी काफी ज्यादा आवश्यक होता है क्योंकि यदि कम समय अवधि में उपचार किया जाए तो वह लाभदायक नहीं होती और यदि ज्यादा अवधि ली जाए तो वह शिशु के त्वचा पर बुरा असर कर सकती है।
- यदि घरेलू उपचार के समय शिशु के त्वचा लाल हो जाए या फिर छोटे छोटे दाने दिखने लगे तो तुरंत ही पास के डॉक्टर से संपर्क करें ।
बच्चों का कलर कैसे साफ करें के बारेमे अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
हर बच्चे की त्वचा अलग होती है इसलिए यह जरूरी नहीं कि यह सारे घरेलू उपचार हर बच्चे की त्वचा पर सूट करें। कोई भी घरेलू उपचार करने से पहले डॉक्टर से पूछना ज्यादा फायदेमंद रहेगा।
बच्चों की स्किन healthy रहने के लिए Moisturizing Cream या Lotion लगाना चाहिए।
तो यह है बच्चों का कलर कैसे साफ करें के बारेमे जानकारी। मुझे उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा और आपको इससे अवश्य लाभ होगा।
अगर आपके मन में इस बच्चे को गोरा कैसे करें विषय में कुछ संदेह (Doubts) रहेंगे कुछ शंकाए रहेंगी तो Comment बॉक्स में जरूर लिखिए हम आपकी शंकाओ का उत्तर देने की जरूर कोशिश करेंगे।
DISCLAIMER: हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इनमें से किसी भी उपाय का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें! AnishAndSamiksha.Com का काम आपको किसी भी तरह की क्रिया करने के लिए प्रोत्साहित करना नहीं है, बल्कि आपको सही जानकारी देना है।
अधिक पढ़े :