अधिकतर प्रेग्नेंट महिलाओ के मन में ये प्रश्न होता है की मुझे कैसे पता चलेगा की मेरी अभी डिलीवरी होने वाली हैं और मुझे कब हॉस्पिटल जाना हैं ? अक्सहर ये प्रश्न पहली बार प्रेग्नेंट महिलाओ के होते है।
बहुत बार घर में बुजरुक भी नहीं रहते और उनको बताने के लिए भी कोई नहीं रहता। हर एक प्रेग्नेंट स्त्री को ये जानना जरुरी हैं की लेबर पेन्स (Labour Pains) होते कैसे है।
सबको एक Estimated Date of Delivery यानि प्रसव की अनुमानित तारीख दि जाती है। लेकिन बहुत ही कम गर्भवती स्त्री की उस Date पे डिलीवर हो जाती है।
बहोत बार ये Date देने के बावजूत भी कभी सातवे महीने में डिलीवरी होती है, कभी आठ महीने पुरे होते ही डिलीवरी होजाती है, और कभी ९ महीने पुरे होने के बाद भी डिलीवरी नहीं होती। तो इस परिस्थिति में जब जल्दी ही डिलीवरी का Pain शुरू हुआ तो हमे कैसे पहचानना है और कब हॉस्पिटल जाना है ये में आपके साथ शेयर कर रही हूँ।
लेबर पेन के क्या लक्षण है? (Pregnancy Me Delivery Se Pehle Ke Lakshan)
- शरीर में थकान महसूस होती है, शरीर ढिल्ला पढ़ जाता है और गर्भवती स्त्री के चहेरे पे रौनक नहीं दिखती।
- आँखो में तेज नहीं रहता। आखे निस्तेज दिखाई देती है।
- स्तन ढीले पढ़ जाते है।
- पीठ ,पेट और श्रोणि (पेल्विस) इन जगह पे दर्द महसूस होता है।
- योनि से पानी जाना शुरू हो जाता है।
डिलीवरी होने के लक्षण | Delivery Symptoms In 9th Month (In Hindi)
- लेबर पेन शुरू हो जाता हैं।
- योनि से पानी जाता है।
- कभी कभी ब्लीडिंग शुरू हो जाती है।
प्रसव पीड़ा यानि लेबर पैन (Labor Pain) होते कैसे हैं और लेबर पेन को कैसे पहचाने?
जब लेबर पैन शुरू हो जाते है तो पेट में दर्द होना शुरू हो जाता हैं। ये पेट में दर्द प्रेगनेंसी में बहोत चीजों से हो सकता है लेकिन डेलिवरी का लेबर पैन बहोत ही अलग होता है। डिलीवरी का लेबर पैन ये Continuous दर्द नहीं रहता ये रुक रुक के होता है। पहले पीठ के तरफ दर्द महसूस होता है होता हैं फिर ये दर्द आगे की तरफ जाता है उस वक्त पेट एकदम कड़क होजाता है। और ये पैन लगभग ३० से ३५ सेकण्ड्स तक चलता है और वापस नार्मल होजाता है और उसी तरह का पैन वापस १० से १५ मिनट बाद शुरू होता हैं। तो ऐसे रुक रुक के होने वाला दर्द ये लेबर पैन कहलाता हैं जो पीठ दर्द के साथ रहता है।
शुरुवात में लेबर पैन की फ्रीक्वेंसी ज्यादा टाइम की रहती है यानि प्रति १० मिनट एक बार लेबर कंट्रक्शन और पैन महसूस होता है। लेकिन जैसे लेबर आगे आगे progress होता है ये फ्रीक्वेंसी भी कम होने लगती है तो फिर Final Stage में लेबर पैन में हर १० मिनट में ३ से ४ बार लेबर कंट्रक्शन और पैन महसूस होता है।
कैसे पता चलेगा की मेरी अभी डिलीवरी होने वाली हैं और मुझे कब हॉस्पिटल जाना हैं ? | कैसे पता चलेगा कि बच्चा होने वाला है?
कही लोगो में लेबर पैन शुरू ही नहीं होते डिलीवरी से पहले उनका पानी का लीकेज होना शुरू हो जाता है तो ये हमे कैसे diffraintiate करना है। जब यूरिन जैसा पानी vajana से निकलता हो और ये contineous बूँद बूँद जाता हो यानि खड़े रहने के बाद भी पैर से पानी निकलता रहेगा और ये योनि (Vagina) से यूरिन जैसा colorless पानी निकलता है तो उसको लीकेज ऑफ़ वॉटर या पोटली ब्रेक होजाना ऐसा बोलते है। तो ये भी एक लेबर की निशानी है। ये पानी का layer जो रहता है, ये बेबी के सेफ्टी के लिए बहोत important रहती है। एक बार वो लीक होना शुरू होगया तो बेबी को infection के chances हो जाते है। इसी लिए लीकेज होने के बाद आपको तुरंत हॉस्पिटल जाना होता है।
तीसरी बात होती है कभी कभी ब्लीडिंग शुरू होजाता है। योनि से कभी ब्राइट रेड जैसा ब्लीडिंग दर्द के साथ शुरू होता है कभी दर्द नहीं होते हुए भी ब्लीडिंग होना शुरू हो जाता है। तो तुरंत आपको हॉस्पिटल में जाना होता हैं।
कभी कभी ये कुछ नहीं होता, ये लेबर के कुछ भी लक्षण नहीं होते फिर भी आपको हॉस्पिटल जाना जरुरी होता है जब बेबी की movements कम हो। ये मूवमेंट्स हम कैसे देखते है। लास्ट मंथ में लंच और डिनर में कुछ खाने के बाद एक घंटे में बेबी चार बार घूमना चाहिए ,बेबी की movement चार बार होनी चाहिए। समजो लंच और डिनर के बाद बेबी की movement ही महसूस नहीं हुई तो ये एक alarming signal कहलाता है। तो आपको इस तरफ ध्यान देना है की जो लंच और डिनर के बाद जो एक घंटा रहता है इसमें बेबी की चार बार movement नहीं हुई तो आप थोड़ासा स्वीट खाके थोड़ा ग्लूकोन डी पि के वावपस आपको observe करना है movement होती है या नहीं। लेकिन ये movement नहीं हुई या बहोत ही कम हुई तो आपको लेबर पैन नहीं भी होते हुए आपको तुरंत हॉस्पिटल में जाना है।
अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions In Hindi)
डिलीवरी के समय कितना दर्द होता है?
Labour Pain Kitna Hota Hai?
प्रसव के दौरान कितना दर्द होता है?
प्रसव पीड़ा कितनी होती है?
डिलीवरी के समय का दर्द यह व्यापक रूप से महिला और गर्भावस्था पे निर्भर होता है। सभी महिलाओं को प्रसव पीड़ा अलग तरह से अनुभव होती है। कुछ महिलाओं के लिए, यह मासिक धर्म (Periods) में ऐंठन (Cramps) जैसा दर्द होता है, तो किसी महिलाओ के लिए गंभीर दबाव जैसा दर्द होता है और बाकि महिलाओ के लिए अत्यंत मजबूत लहरें जैसे ऐंठन की तरह दर्द महसूस होता हैं।
अधिकतर लोगो को नहीं पता होता है की बिना दर्द के नार्मल डिलीवरी (Painless Normal Delivery) भी हो सकती है। ५०% सीजेरियन डिलीवरी दर्द सहन न होने के वजेसे होती है। आज के टाइम पे मेडिकल साइंस बहुत ही विकसित हो गया है, पैलेस लेबर या एपीड्यूरल एनलजेसिआ ये मेडिकल साइंस बहुत टाइम से उपयोग किया जा रहा है लेकिन भारत में इसके बारे में बहुत कम लोगो को पता होता है।
जब गर्भवती माँ को प्रसव यानि नॉर्मल डिलीवरी (Normal Delivery) का दर्द (Labor Pain) बर्दाश्त नहीं होता है तब एपीड्यूरल एनलजेसिआ (Epidural Analgesia) का उपयोय किया जाता हैं।
इसमें जो एपीड्यूरल (Epidural) का इंजेक्शन (injection) जो होता है, वह रीड की हड्डी के बिच में जो स्नायु होता है जिसे एपीड्यूरल स्पेस (Epidural Space) कहते है इसमें दिया जाता है।
एपीड्यूरल स्पेस (Epidural Space) में एक छोटासा कैथिटर (Catheter) रखा जाता है जिसकी मदत से निरंतर दवाई दी जाती है, जबसे दवाई दी है तब से लेकर डिलीवरी होने तक गर्भवती माँ का दर्द कम करते है और डिलीवरी होने के बाद ये कैथिटर (Catheter) निकाल दिया जाता है।
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बच्चा जब तक गर्भाशय में बढ़ा हो रहा होता हैं तब तक बच्चेदानी का मुंह बंद रहता हैं। जब डिलीवरी का समय आता है और प्रसव पीड़ा जब शुरू होती है तब बच्चेदानी का मुंह धीरे धीरे खुलता हैं।
प्रसव पीड़ा क्या है?
लेबर पेन का मतलब प्रसव पीड़ा होता है। डिलीवरी के समय जो दर्द होता है उसे प्रसव पीड़ा या लेबर पेन कहते है।
शुरुवात में Labour Pain हर १० – १२ मिनट में होते हैं और ये दर्द ३०-३५ सेकण्ड्स के लिए रहता है। धीरे धीरे ये Labour Pain बढ़ने लगता हैं। दूसरे टप्पे में ये दर्द हर ३ – ५ मिनट में होता हैं और ४५ सेकण्ड्स के लिए रहता है। आखरी टप्पे में labor Pains २ – ३ मिनट में होते हैं और एक से देड मिनट के लिए रहते है।
तो ये थी लेबर पेन और डिलीवरी होने के लक्षण के बारे में जानकारी। मुझे उम्मीद है की आपको ये लेख पसंद आये और आशा करती हूँ आपको इससे लाभ होगा।
अगर आपके मन में इस विषय में कुछ संदेह (Doubts) रहेंगे या कुछ सवाल रहेंगे तो Comment बॉक्स में जरूर लिखिए में आपके प्रश्नो का उत्तर देने की जरूर कोशिश करूंगी।
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